हमारी बॉडी में पोषक तत्व अकेले कुछ खास काम नही करते है। इनके एब्जॉर्बप्शन के लिए दूसरे न्यूट्रिशन का साथ बहुत जरूरी है। जिस प्रकार किसी परिवार को चलने के लिए सभी सदस्यों की एक-दूसरे के साथ तालमेल आवश्यक है। ठीक उसी प्रकार भोजन में पाये जाने वाले न्यूट्रिशन भी एक दूसरे पर डिपेंड रहते है।यही नही किन न्यूट्रिशन का तालमेल किनके साथ बेहतर होगा,यह जानना भी आपके लिए बहुत जरूरी है।यहाँ ऐसी ही कुछ तालमेल दिए जा रहे है, जिनसे आप अधिक से अधिक पोषण प्राप्त कर सकते है।
बेलेंस न्यूट्रिशन के 5 टिप्स
1. आयरन और विटामिन सी
हम सब जानते है कि बॉडी के लिए आयरन एक जरूरी तत्व है।शाकाहारी भोजन में पाया जाने वाला आयरन बॉडी को सही प्रकार से खून बनाने के लिए उपयोग में ला सकते है।जब साथ में विटामिन सी से भरपूर हरीमिर्च, आंवला, नीबू, सन्तरा, आदि चीजे खाई जाये।
ऐसा न करने से बॉडी आयरन का इस्तेमाल सही तरीके से नही कर पाता है।
क्या ले
भुने चने व मुरमुरे की भेल में नीबू डालकर खाये।लोहे की कड़ाही में बने हुए भोजन के साथ हरी चटनी या ताजी हरी मिर्च खाए।खाना खाने के बाद सन्तरा आदि खट्टे फलों का सेवन करे।
2. कैल्शियम और विटामिन डी
केवल कैल्शियम के सेवन से कोई बड़ा फायदा नही होता है और न ही यह अपने आप जाकर हड्डियों में इकट्ठा हो सकता है।इसे करने के लिए शरीर को विटामिन डी की आवश्यकता पड़ती है।सूरज की किरणे जब हमारी स्किन को छूती है तब विटामिन डी हमारी स्किन बनती है।कैल्सियम हमे दूध व दूध से बनी वस्तुओ ,हरी सब्जी आदि से मिलता है।
क्या ले
प्रतिदिन दूध व दूध से बनी चीजो का सेवन करे।साथ ही 25-30 मिनट सूर्य की किरणों के सीधे सम्पर्क में रहे।
3. एंटी-ऑक्सीडेंट्स और वसा
अधिकतर सब्जियों व फलो से वितमिन प्राप्त होता है। साथ ही हमारी इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने वाले एंटी ऑक्सीडेंट्स भी मिलते है।जैसे पालक से ल्युटिट,टमाटर से लाइकोपीन व गाजर से कैरोटीन।इसी प्रकार अन्य कई महत्वपूर्ण एंटी ऑक्सीडेंट्स भी सब्जियों व फलों के सेवन से प्राप्त होते है।परन्तु इन सभी को शरीर ठीक प्रकार से इस्तेमाल कर पाएगा, जब इनके साथ वसा भी शामिल होगी। इसलिए वसा भी पर्याप्त मात्रा में ले।
क्या ले
फलो व् सब्जियों के सलाद पर कूटी हुई मूँगफली या काजू बादाम या टिल और सूरजमुखी के बीज डाल कर खाए।या सलाद में थोडा सा मक्खन मिला दे। भोजन बनाने के लिए उपयोग में लाया जाने वाला तेल इन एंटी- ऑक्सीडेंट्स को एब्जॉर्ब करने में सहायक होता है।
4. सोडियम और पोटेशियम
इन दोनों का आपस में बहुत गहरा तालमेल है। ये दोनों मिलकर शरीर की कोशिकाओ के अंदर और बाहर पाये जाने वाले लिक्विड का बेलेंस बनाए रखते है।ज्यादा मात्रा में सोडियम या नमक लेने से शरीर में पानी की आवश्यकता ज्यादा महसूस होती है।वही पोटेशियम हमे फलों के जूस व नीबू के रस से मिलता है।
क्या ले
थोडा नम डालकर सब्जियों का सूप और मीठे नीबू पानी में थोडा नमक डालकर पिए।ये चीजे दस्त या उल्टियां होने पर अच्छा असर देखती है। क्योंकि ऐसे समस्या में सोडियम और पोटेशियम शरीर से बाहर निकल जाते है।
5. प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट
प्रोटीन, वसा और कार्ब्स तीनो ही ऊर्जा प्रदान करते है। परन्तु शरीर की मरम्मत और बढ़ोतरी का काम केवल प्रोटीन ही कर पाता है। यह हमे दूध, दालों और गिरियों से मिलता है।लेकिन प्रोटीन का सही फायदा लेने के लिए यह जरूरी है कि शरीर को पर्याप्त मात्रा में कार्ब्स और वसा भी मिले।इससे शरीर की ऊर्जा की आवश्यकता पूरी हो जाती है वरना प्रोटीन मरम्मत और डेवलपमेंट का अपना काम छोड़ कर पहले एनर्जी देने के कार्य में लग जाता है।
क्या ले
दही- पराठा, दूध केला, मेंगो शेक, अंडा ब्रेड, खिचड़ी या दाल चावल,आदि।